"मुझे इतनी दूर"
चले जाओ तुम छोड़कर
मुझे इतनी दूर
तुम्हें छूने वाली हवा भी
न लगे मुझे
मैं रह लूँगी,मैं सह लूँगी
ये बद्तर तन्हाई के दिन
तू छोड़ दे बीच राह में
मुझे इतनी दूर
मुझे होने लगे तुमसे नफ़रत
ऐसा वाकया कुछ
मेरे साथ कर जाओ तुम
मैं रह नहीं सकती
बिन तेरे ऐसा प्यार क्यों
जन्मा मेरे दिल में
भूल जाऊँ मैं प्यार को
इस प्यार से कर दो तुम
मुझे इतनी दूर
कवि/लेखक
- शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश
No comments:
Post a Comment