उसे एक तस्वीर दिखी होगी,जिसे वो पहचानती होगी,
मगर कुछ(बेवफ़ाई)याद करके वो
अनदेखा सा कर गई होगी
"बस वही...मेरी प्रेमिका होगी"
शिवम अन्तापुरिया
गलतियों से मुझे सीख मिलती गई...
जिन्दगी कोरे पन्नों पर लिखती गई...
शिवम अन्तापुरिया
"गज़ल"
इश्क में थी मेरी कोई गलती नहीं,
मेरी यादो के तीरो से वो घायल हुई,
खामखाँ इश्क में मेरा बदनाम होना,
ऐसी थी मेरी इनायत नहीं,
तेरा रोज़ छत पर,ये चढ़ना-उतरना
तेरे बेज़ुबा इश्क की है कहानी बनी,
शिवम अन्तापुरिया
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