Tuesday, September 10, 2019

छिड़ गई

छिड़ गई बहस अब बंद नहीं होने वाली ।
सेना  भारत  की  नहीं  धैर्य खोने वाली ।
अब पहले  जैसी  कोई  भूल नहीं होगी ।
कोई भी रेखा अब प्रतिकूल नहीं होगी ।
यह धरा कभी भी रिक्त हुयी न वीरों से ।
हमने  हरदम  युद्ध लड़े तदबीरों से ।
कश्मीर हमारा है हम छोड़ नहीं सकते ।
जो व्यूह रचे हैं क्या हम तोड़ नहीं सकते ।

- शिवम अन्तापुरिया

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