Friday, April 17, 2020

चाहता है वो

    "चाहता है वो"

तुम्हारे प्यार की रश्में 
निभाना चाहता है वो 
राह कितनी कठिन भी
 हो आना चाहता है वो 
तुम्हारे प्यार में घुलकर 
मिश्री बनना चाहता है वो 
नजर नजरें मिलाकरके 
दुआएँ माँगता है वो 
तेरी चाहत की नगरी 
में घूमना चाहता है वो
हमेशा साथ रहना तुम
 हिफ़ाजत चाहता है वो 
तुम्हारी हर कहानी में 
मोड़ लाना चाहता है वो 

           रचयिता 
~ शिवम अन्तापुरिया
       उत्तर प्रदेश 

Friday, April 10, 2020

जमीं आसमाँ

" जमीं आसमाँ "

ये जमीं आसमाँ से यूँ मिल जाएँगे 
प्यार में हम  तेरे  यूँ सँभल जाएँगे 

रूत सावन की हो या वसंती चले 
मगर हम प्यार  के गीत ही गाएँगे
देखना  है मुझे  अब तज़ुर्बा यहाँ 
देखते   देखते  हम  चले जाएँगे

ये जमीं आसमाँ से यूँ मिल जाएँगे 
प्यार में हम  तेरे  यूँ सँभल जाएँगे 

प्यार में गर मेरे फ़ूल कलियाँ बनें
हम अँधेरों में रोशन से हो जाएँगे 
जगमगाहट भरीं तुमसे नजरें मिलें 
बेवज़ह प्यार तुमसे वो कर जाएँगे

ये जमीं आसमाँ से यूँ मिल जाएँगे 
प्यार में हम  तेरे  यूँ सँभल जाएँगे 

ये जमीं मिल रही प्यार से है गले 
आँखें नम हो रहीं प्यार में अब तेरे 
दूर  कैसे  रहूँ अब  जरा  तू बता 
बिन तेरे हम अकेले बिखर जाएँगे

ये जमीं आसमाँ से यूँ मिल जाएँगे 
प्यार में हम  तेरे  यूँ सँभल जाएँगे 

      कवि/लेखक 
 शिवम अन्तापुरिया 
  कानपुर उत्तर प्रदेश

"जा रहे हैं"

"जा रहे हैं"

  लिखते रहे हमेशा 
दुनियाँ के रंजों गम हम 
अपनों के नाम से हम 
 अब जाने जा रहे हैं 

दुनियाँ ने खोजा हमको 
 हम खोजे जा रहे हैं 
  चाहत के रास्ते हैं 
 हम चलते जा रहे हैं 

 तेरे यकीन दिल में 
अब हम पल रहे हैं 
 वो भी सुन रहे हैं 
चाहत के मरीज़ हम हैं 

~ शिवम अन्तापुरिया 
   कानपुर उत्तर प्रदेश

शायरी अपनी आवाज़ हैं

तारीख नहीं बताएँगे,शादी वहीं रचाएँगे बाराती मिले या फ़िर कोई भी न जाए अकेले ही दुल्हन को ले आएँगे.
onu dedicated 
©*----------------------#®
कुछ लोग हैं गर्मी में जिन्हें गर्मी महसूस नहीं है! 
वो सर्दी में सर्दियों से बात करते हैं!! 
©*----------------------#®
   अब तो कुछ करने लगे हैं 
नहीं कुछ तो नशा ही करने लगे हैं
©*----------------------#®
हँसी और खुशी के लिए उलझने रहती हैं 
जिंदगी में उसे पाने की ख्वाहिशें रहती हैं 
©*----------------------#®
बहुत ही पुराना मेरा यार दिल है 
उन्नीसवीं सदी में पले यार हम हैं 
न्यू कोई फ़ीचर नहीं है अभी तक
मगर लोग नए नए जुड़ने लगे हैं 
©*----------------------#®
दुनियाँ में नफ़रतें साथ रहतीं हैं !
शिवम लोगों की यही गलतीं हैं !!
©*----------------------#®
दीवानों इश्क की महफ़िल हजारों बार देखी हैं !
   दुआएँ एक देता है नफ़रतें लाख देखी हैं !!
©*----------------------#®
बहुत दिन बाद सड़कों पर रंगत आई है !
अब तक कोरोना से लड़ी लड़ाई है !!
©*----------------------#®
लड़कियों रूपी किताब में मैं सिर्फ एक पन्ना पढ़ना चाहता हूँ !
लेकिन क्या बताऊँ ये हवा से पन्ने उड़ते ही रहते हैं !!
©*----------------------#®

ये दुनियाँ इस जहाँ में है 
मुझे मालूम ही न था 

वो करना चाहती है प्यार 
ये मेरा रूख ही न था 


©*----------------------#®

जवानी है मोहब्बत है 
बुढ़ापा रोज़ आएगा 

सियासत में मोहब्बत है 
चुनाव फ़िर से आएगा 

शकल पे जो भी मरते हैं 
वो धोखा खा ही जाएगा 

 शिवम ये प्यार के पन्ने 
शलीके से ही पलटो तुम 

 हाथ लाखों मिलाएँगें 
समय एक ये भी आएगा 
~ @OshayarShivam

©*----------------------#®

मुझसे मिलने की अब तक तलब है उसे 
प्यार का स्वाद मुझमें है दिखता उसे 
अब बताओ कहाँ पर यूँ कैसे मिलें 
चप्पे चप्पे पे घर वाले दिखते उसे 

तेरी हर बात में आकर दिल का साज़ हूँ अब मैं 
तेरी चाहत में आकर दिल का ताज़ हूँ अब मैं 
तेरे ख्वाबों की नगरी में आने लगा हूँ अब 
सभी से प्रेम के लहजे में बातें करने लगा हूँ मैं 


किसी का जीतना हो दिल 
प्यार में हारना काफ़ी है !
मोहब्बत हो गई हो जिससे 
उससे छुपाना ही काफ़ी है !! 

तेरी हर बात में आकर मैं दिल के राज लिख दूँगा
गले में हाथ दे तेरे मैं सारी बात कह दूँगा
मोहब्बत है सितम भी है गमों का मुझपे छाया है 
मौका देखकर तुमको हाथ में हाथ दे दूँगा

शिवम अन्तापुरिया


"तू है पहला प्यार"

"तू है पहला प्यार"

तुम ही पहले प्यार हो 
तुम ही पहले यार हो 
 बिन तेरे बीमार हूँ 
तुम ही मेरी दवा हो 

तुम ही मेरे रात-दिन 
तुम ही सारा संसार हो 
प्रेम के बादल तुम ही हो 
तुम प्रेम के भंडार हो 

मैं तो हूँ नाचीज परिंदा 
तुम ही मेरे घर वार हो 
प्यार ये होता है क्या 
प्रेम के तुम द्वार हो 

    रचयिता 
शिवम अन्तापुरिया 
कानपुर उत्तर प्रदेश