लिखते रहे हमेशा
दुनियाँ के रंजों गम हम
अपनों के नाम से हम
अब जाने जा रहे हैं
दुनियाँ ने खोजा हमको
हम खोजे जा रहे हैं
चाहत के रास्ते हैं
हम चलते जा रहे हैं
तेरे यकीन दिल में
अब हम पल रहे हैं
वो भी सुन रहे हैं
चाहत के मरीज़ हम हैं
~ शिवम अन्तापुरिया
कानपुर उत्तर प्रदेश
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