Friday, April 10, 2020

शायरी अपनी आवाज़ हैं

तारीख नहीं बताएँगे,शादी वहीं रचाएँगे बाराती मिले या फ़िर कोई भी न जाए अकेले ही दुल्हन को ले आएँगे.
onu dedicated 
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कुछ लोग हैं गर्मी में जिन्हें गर्मी महसूस नहीं है! 
वो सर्दी में सर्दियों से बात करते हैं!! 
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   अब तो कुछ करने लगे हैं 
नहीं कुछ तो नशा ही करने लगे हैं
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हँसी और खुशी के लिए उलझने रहती हैं 
जिंदगी में उसे पाने की ख्वाहिशें रहती हैं 
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बहुत ही पुराना मेरा यार दिल है 
उन्नीसवीं सदी में पले यार हम हैं 
न्यू कोई फ़ीचर नहीं है अभी तक
मगर लोग नए नए जुड़ने लगे हैं 
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दुनियाँ में नफ़रतें साथ रहतीं हैं !
शिवम लोगों की यही गलतीं हैं !!
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दीवानों इश्क की महफ़िल हजारों बार देखी हैं !
   दुआएँ एक देता है नफ़रतें लाख देखी हैं !!
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बहुत दिन बाद सड़कों पर रंगत आई है !
अब तक कोरोना से लड़ी लड़ाई है !!
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लड़कियों रूपी किताब में मैं सिर्फ एक पन्ना पढ़ना चाहता हूँ !
लेकिन क्या बताऊँ ये हवा से पन्ने उड़ते ही रहते हैं !!
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ये दुनियाँ इस जहाँ में है 
मुझे मालूम ही न था 

वो करना चाहती है प्यार 
ये मेरा रूख ही न था 


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जवानी है मोहब्बत है 
बुढ़ापा रोज़ आएगा 

सियासत में मोहब्बत है 
चुनाव फ़िर से आएगा 

शकल पे जो भी मरते हैं 
वो धोखा खा ही जाएगा 

 शिवम ये प्यार के पन्ने 
शलीके से ही पलटो तुम 

 हाथ लाखों मिलाएँगें 
समय एक ये भी आएगा 
~ @OshayarShivam

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मुझसे मिलने की अब तक तलब है उसे 
प्यार का स्वाद मुझमें है दिखता उसे 
अब बताओ कहाँ पर यूँ कैसे मिलें 
चप्पे चप्पे पे घर वाले दिखते उसे 

तेरी हर बात में आकर दिल का साज़ हूँ अब मैं 
तेरी चाहत में आकर दिल का ताज़ हूँ अब मैं 
तेरे ख्वाबों की नगरी में आने लगा हूँ अब 
सभी से प्रेम के लहजे में बातें करने लगा हूँ मैं 


किसी का जीतना हो दिल 
प्यार में हारना काफ़ी है !
मोहब्बत हो गई हो जिससे 
उससे छुपाना ही काफ़ी है !! 

तेरी हर बात में आकर मैं दिल के राज लिख दूँगा
गले में हाथ दे तेरे मैं सारी बात कह दूँगा
मोहब्बत है सितम भी है गमों का मुझपे छाया है 
मौका देखकर तुमको हाथ में हाथ दे दूँगा

शिवम अन्तापुरिया


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