"खत हजारों मुझे"
तूने लिखे थे खत
हजारों मुझे...
मगर उस वक़्त एक
भी न मिल सका मुझे...
आज देख रहा हूँ
तेरे पुराने से पुराने
खत में रखी हैं
छिपी तेरी यादें
उन्हीं में उलझकर
दिल ने तेरी याद दी मुझे...
तेरी यादों ने मज़बूर
कर दिया अब
तेरे साथ बीते पल
के लम्हों को
लिखने को मुझे...
शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश
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