Thursday, November 21, 2019

सर्दी की बात

"सर्दी की बात"

कट-कट-कट-कट 
बज़ते दाँत 
करने न देते हैं बात 
ये तो है
भाई सर्दी की बात 
अब तो हैं सर्दी के राज़ 
इनसे लड़ने की न 
करना बात 
कहीं मचा न दे ये उत्पात 
कहीं कोहरा का है बवाल 
कहीं है जनजीवन बेहाल 
गाँव-शहर के गलियारों में 
चलती बस सर्दी की बात 
ऊनी और मखमली कपड़े 
     देते हैं सर्दी को दाद 
भैया ये तो है सर्दी की बात 

      रचयिता 
शिवम अन्तापुरिया 
     उत्तर प्रदेश

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