गज़ल
"जख्म भर जाएंगे"
प्यार से देख लो, जख्म भर जाएंगे ।
जख्म भर जाएंगे, या उभर जाएंगे ।।
प्यार की राह में, हम भटकते रहे
प्यार ही प्यार में,हम तड़पते रहे
जख्म लाखों मिले वो भी भर जाएंगे
प्यार से देख लो, जख्म भर जाएंगे ।
जख्म भर जाएंगे, या उभर जाएंगे ।।
हम उसी राह पर हैं,अब भी खड़े
दिल हमारे-तुम्हारे, फ़िर से मिल जाएंगे
प्यार से देख लो, जख्म भर जाएंगे ।
जख्म भर जाएंगे, या उभर जाएंगे ।।
याद ही याद में उनकी यादें बनें
बिन तेरे प्यार में हम बिखर जाएंगे
तेरे खातिर हम जग उलझ जाएंगे
प्यार से देख लो, जख्म भर जाएंगे ।
जख्म भर जाएंगे, या उभर जाएंगे ।।
शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश
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