"तन्हाई बेबश"
ख्वाबों की दुनियाँ भरी है
जिन्दगी गम से भरी है
गम भरे हालात में जीकर
गुज़ारा कर रहे...
जीतना ही जीत जिसको
लग रही...
क्या बताएं ख्वाब दिल में
दिन ब दिन नए उग रहे...
हर तरफ़ तन्हाई बेबश
लोग चलते जा रहे
मैं अधूरा था अभी तक
पूरा खुद को कर रहे...
देख जालिम ये जमाना
बेरहम हर ओर है
क्या से क्या सपने गढ़े थे
दिख रहे कुछ और हैं...
~ शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश भारत
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