Saturday, July 6, 2019

दिल दर्द भी है
दिल दवा भी है
क्या बताऊँ इस
शहर के लिए दिल
हवा भी है

शिवम अन्तापुरिया
हमे फ़ुरसत ही कहाँ है खुद से,
रहते हैं हमेशा काम करते,
हम कैसे बसें तुम्हारे दिल में,
हम चलते ही हैं रुकते रुकते,

शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश (भारत )

गूलरे पक गयी भुने भुने आ गए
मानो चाहत के सारे ख्वाब मिल गए
शिवम अन्तापुरिया

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