" नज़र रखें नई पीढ़ी पर "
आज कोई एक गाँव की ही नहीं बल्कि पूरे देश दुनियां की भी बात की जाए अगर तो भी वही स्थिति नज़र आ रही है जो सम्पूर्ण संसार की है,हमारी आने वाली नई पीढ़ी तो बिल्कुल उसी रंग रूप में ढलती जा है जिसमें जिसमे पुराने लोगो का अब ढलना शुरू हुआ है, आज हम बात कर रहे हैं उन नासमझ और मासूम बच्चों की जिन्हें अपने भविष्य की कोई परवाह बिल्कुल ही नहीं है सिवाय
अपने शौक और नशे की लत को पूरा करने की ,मैने स्वम देखा है वर्तमान समय में जिनके हाथों में किताब होनी चाहिए उनके हाथों में धुम्रपान के पैकेट नज़र आ रहे हैं,घर से मिले रुपये जो पढाई में खर्च करने के लिए दिए गए हैं वो उनको अपने ऊपर ही उड़ा रहे हैं,
क्योंकि वो नशे की लत के शिकार बनकर लत के जाल में जकड़ते जा रहे हैं ऐसी स्थिति आपके घर परिवार को घोर संकट की दशा में लाकर खड़ा भी कर सकती है,अगर आप जानबूझकर भी अंदेखा करते जा रहे हैं ये सोच कर कि ... आगे चलकर खुद ही संभल जायेगा ,
आज के समय में अधिकतर लोगों ने "नशे को ही जीवन का सार बना रखा है"फ़िर चाहें नशा वो छोटा हो या बढा, मैने देखा है कि आज तीन माह का बच्चा भी मोबाइली बातों व तकनीको को समझने लगा है इस बात को मैं दावे के साथ कह रहा हूँ,कही दूर का उदाहरण नहीं मैं अपने भान्जे रुद्र्देव की बात कर रहा हूँ जो फ़ोन को देखकर बहुत ही खुश हो उठता है, और उसको चलने के लिए मचल उठता है, यही सब देखकर मैं पूरे समाज को इन चीजो से अवगत कराना चाहता हूँ कि अपनी पीढी पर नज़र रखें कही वो कोई नशे शिकार तो नहीं हो रहे हैं, किसी चीज को लेकर वो अधिक चिंतित तो नहीं हो रहे हैं, इस आधुनिक युग में कोई तकनीकी यन्त्र में ही तो नहीं लगे रह रहे हैं,क्योंकि छोटे बच्चों का जब ध्यान शुरुआत से बट जाता है तो फ़िर
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