बहुत थका थका सा हूँ मैं
बहुत जगा जगा सा हूँ मैं
बहुत चला चला सा हूँ मैं
जहाँ था वही
अभी रुका रुका सा हूँ मैं
शिवम अन्तापुरिया
डगर मुश्किल जरुर है
लेकिन आगे कामयाबी भी खड़ी है...
शिवम अन्तापुरिया
बस सबके सामने चुप रहे
काम की आवाज तब सारी दुनिया सुनेगी
ऐसा कुछ नहीं
प्यार धोखा नहीं है
मानव धोखा देता है
और
बदनाम प्यार को करता है
क्योंकि सच्चाई ये है कि
आजकल प्रेम कोई नहीं करता
सिर्फ़ साथ सोना चाहता है बस
शिवम अन्तापुरिया
वो बहुत वीर थे जो लड़े कार्गिल,
खुद की जिंदगी से हारकर,
जीतकर मुझे दे गए कार्गिल
सदियों सदियों तक अमर नाम
तुम्हारा रहेगा वीरों
अपने घर-वार की बिन परवाह किए
मुझे जीत में दे गए कार्गिल
! नमन नमन नमन !
_शिवम अन्तापुरिया
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