गीत
"पता चल जाए"
खुद में झाँको जरा
तो पता चल जाए
कैसी माँ है मेरी
ये नफ़ा हो जाए...
सामना लाखों मुश्किलों
से मेरा हो जाए
साथ मेरी माँ का बस
मुझे मिल जाए ...
खुद में झाँको जरा
तो पता चल जाए...
हम टूटते हुए मन्ज़र
से उलझाए जाएं
और मेरी माँ को गर
पता चल जाए
खुद में झाँको जरा
तो पता चल जाए...
जान मेरी बचाने को
माँ जान हथेली पर रख लाए
माँ तो माँ है विधाता
तब मुझे भी समझ आए...
खुद में झाँको जरा
तो पता चल जाए
रचयिता युवा कवि/लेखक
शिवम अन्तापुरिया उत्तर प्रदेश भारत
+91 9454434161
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