मेरी जिंदगी तो अकेली ही है
फ़िर इसके हक़दार बहुत हैं
शिवम अन्तापुरिया
मोहब्बत में मेरी आकर वो
सियासत भूल जाती है
शिवम अन्तापुरिया
नीचे की पंक्तिया मुझे आगरा के
युवा कवि शर्मा ने समर्पित की हैं
देख कर आपकी सूरत को
मैं सीरत भी पहचान गया,
लेखनी आपकी अति सुंदर
पुरस्कार देख कर जान गया।
सम्मान देख कर फक्र हुआ
ये सब कवियों की जीत है,
रण भूमि कवियों का मंच है,
जो जीता वही शिवम अन्तापरिया है ।
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