Friday, August 23, 2019

बदलने की क्षमता ही बुद्धिमत्ता का माप है

मैं अपने खूब सूरत लब्ज़ से तेरी अदा लिख दूँ
मोहब्बत इश्क का कर्ज़ा है जिसको मैं अदा कर दूँ
शिवम अन्तापुरिया

बदलने की क्षमता ही
बुद्धिमत्ता का माप है
देखकर तेवर उसका
चढ़ जाता मुझे ताप है
   आँखो से आँखो मिलने से
  नुनखराहट ने जन्म क्या लिया
उसमें ऐसा बदलाव आया कि
      तब से जप रहा वो
    इश्क का ही जाप है

शिवम अन्तापुरिया

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