Friday, August 23, 2019

श्रमिक से भी बदतर

श्रमिक से भी बदतर जीवन जिया है उसने...
कभी खुद को भी अपना नहीं समझा है उसने...
लोगों की ख्वाहिशे पूरी की है उसने...
मगर खुद के लिए अब भी महज़ वक़्त नहीं दिया है उसने...
©®~शिवम अन्तापुरिया

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