Wednesday, August 7, 2019

बरशे बदरा

"बरशे बदरा"

आज बरशे बदरा
मुझको मौसम
सुहाना लागे
खेत हो रहे
हरे भरे खलिहान
लाॅन सी लागे
बरशे बदरा...
मन भर गया
उमंगो से
दूर कोश कोश
तक भागे
सिर पर लाखों
बोझ रखे थे
वो भी हल्के
हल्के लागे
बरशे बदरा...
मन भी झूमा
तन भी झूमा
अंग अंग
खिली बहारें
मन मस्त जमीं
पर घूूम रहा है
रंगीला रंगीला लागे
बरशे बदरा...

शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश भारत

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