मोहब्बत में मेरी आकर वो
सियासत भूल जाती है
मोहब्बत इश्क की जन्ज़ीर है
जो एक दिन टूट जाती है
शिवम अन्तापुरिया
माँ ममता रूपी समुन्दर में डुबा सबको देती है
लेकिन साहब ये माँ की ममता ही है
जिसमें डूबते तो हैं लोग मगर मरते नहीं हैं
शिवम अन्तापुरिया
मुशीबत में मानव का सच्चा साथ तो सिर्फ "आँशू" देते हैं...
बाकी तो सब दिखावा मात्र होते हैं...
शिवम अन्तापुरिया
मेरे खिलाफ़ तेरा बड़े से बड़ा सुबूत भी काम नहीं आयेगा...
क्योंकि तूने मोहब्बत की है जिसे करने तेरा भाईजान नहीं आयेगा...
शिवम अन्तापुरिया
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