Sunday, August 4, 2019

"देश शत शत नमन"

"देश शत शत नमन"

  दे दिया है वतन
तुमको अपना जनम
बह रहे हैं लहू में
मेरे अब सारे ये गम
देश पर हैं कर रहे
प्राण न्योछावर अब हम

देश की सरहद हो चाहें
   चाहें हो दुश्मन की दम
          पैर पीछे हम न रखेंगे
भले मौत को गले लगा लें हम

   देश तुझको कर रहा हूँ
नई पीढ़ी के अब हवाले हम
     वीर कुछ हैं नए नवेले
इनका मार्गदर्शन करना अब तुम

छोड़ कर अब जा रहे हैं
भारत माँ के गोद में हम
माफ़ करना देश मेरे मुझको
है तुम्हें लाखों कोटि शत शत नमन

युवा कवि/लेखक
शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश भारत

No comments:

Post a Comment