Tuesday, January 22, 2019

अब घायल हिमालय को न होने दो

अब घायल हिमालय को न होने दो
दुश्मन चाहें जितनी बरसा ले गोलियाँ
सब मेरे सीने में जाने दो...

अब घायल हिमालय को न होने दो...

दृढ़ संकल्पिल रखना है
भारत माता के मुकुट को
आँधी, तूफाँ,भूचाल, बवण्डर को
सब मेरे ही सीने से टकराने दो

देशप्रेम ही मेरा महासमर है
भारत माँ को आँख दिखाने वाले पर
अब मुझको भी हाथ चलाने दो

अब घायल हिमालय को न होने दो...

भरतभूमि की देशभक्ति पर
अब कोई और दाग न आने दो
चाहें जितने बलिदान हों
सबसे पहले मुझको शीश कटाने दो

अब घायल हिमालय को न होने दो...

~ शिवम यादव अन्तापुरिया

द्वारा लिखित इस गणतंत्र दिवश को समर्पित

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