है हर घङी इंतजार उसका
है कहाँ सुकूँ अब दिल का
जी रहा हूँ आफता हूँ
है हर घङी पल बेदखला सा
चल रही है ये जिंदगी
रफता-रफता हम सफर सा
जी लूँगा जिंदगी को
चाहें बीते हर दिन मौत सा
कर रहा हूँ खौफ खुद से
खुद पता है न कारण इसका
जी रहा हूँ हँस रहा हूँ
हो रहा है साथ सबकुछ ख्वाब सा
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