Tuesday, January 22, 2019

" जी रहा हूँ "

है हर घङी इंतजार उसका
   है कहाँ सुकूँ अब दिल का

    जी रहा हूँ आफता हूँ
है हर घङी पल बेदखला सा

चल रही है ये जिंदगी
रफता-रफता हम सफर सा

जी लूँगा जिंदगी को
चाहें बीते हर दिन मौत सा

कर रहा हूँ खौफ खुद से
खुद पता है न कारण इसका

जी रहा हूँ हँस रहा हूँ
हो रहा है साथ सबकुछ ख्वाब सा

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