Saturday, January 5, 2019

अटल दृढ़

भरतभूमि है जन्मभूमि तो डरना क्या
बस आगे बढ़ते जाना है
वीर शहीदों की शहादतों को सबको याद दिलाना है

  याद करो उस वीरांगना को
जिसका नाम रानी अवंतीबाई था
धूल चाट दी थी दुश्मनों को
दुश्मन दल में मचा त्राही त्राही था

  याद करो उस शहीद भगत को
जिसका अंतिम निर्णय भी
       हँसते-हँसते फाँसी था
   जिसकी महज एक गरजे में
दुश्मन दल हिजङा सा बन जाता था

ये कर्म भूमि है युद्ध भूमि
इससे विचलित होना न
कितने भी तूफाँ तुमसे टकराएँ
सरहद से तुम हटना न

नाज देश को सिर्फ तुम पर है
इसकी आन बनाए रखना तुम
हार जीत तो सिर्फ एक यात्रा है
लेकिन अपने दृढ़ को अटल ही
    रखना तुम....

~ ओज/हालात रस का कवि
शिवम यादव अन्तापुरिया
9454434161

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