जो अनजाने में हुआ है मुझसे
वो तुम जानबूझ न कर देना
हम तो अब मर जाएँगे
तुम खुद को जिंदा दफन न कर देना
ये भरत भूमि है जन्मभूमि है
ये मिट्टी सर मस्तक पर रखना है
लाज बचाने को भारत माँ की
तुम अपना शीशे भले ही कटा देना
जो अनजाने में हुआ है मुझसे
वो तुम जानबूझ न कर देना
यही भरत भूमि है नाम हमारा
मिट्टी का कण कण मेरी शान है
देश के खातिर खून बहाना
बनी मेरी पहचान है
रीति रिवाज और धर्म मर्यादा
लगी सैकड़ों आन हैं
ये भारत देश की मिट्टी है
जहाँ जन्म लेते श्री कृष्ण और राम हैं
शिवम यादव अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश
भारतीय संपदा के साथ
देशभक्ति पर आधारित
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