Thursday, October 31, 2019

दिल के करीब

"दिल के करीब"

कुछ रिश्ते बहुत

 अजीब होते हैं 

जो दिल के बहुत ही 

करीब होते हैं 

कभी उनसे दूर 

नहीं रहा जा सकता 

साथ रहने वाले 

खुशनसीब होते हैं 



जिंदगी हमसफ़र बनकर 

यूँ ही निकल पड़ती है 

कोई साथ दे या न दे 

वो अकेले ही अपने 

लक्ष्य को भेद सकती है 



न सफर तय था 

न मंजिल पता थी

वो रिश्तों की डोरी 

    से बँधा था 

न इसकी खबर थी 



  रचयिता 

शिवम अन्तापुरिया 

     उत्तर प्रदेश

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