Saturday, June 15, 2019

मुश्किलों में कोई दोस्त
  दरम्यान नहीं आए
और तुम्हें गर अब भी
    समझ नहीं आए।
साहब!
तो बस समझ लेना
तुम्हारा दिमाग एक
बंद कमरा है
जिसमें ईश्वर ने कोई
दऱ़वाजे नहीं लगाए।।

- कवि शिवम अन्तापुरिया
कानपुर उत्तर प्रदेश

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