आजकल देश की जनता और धर्म के रक्षक कैसे हैं?
जैसे हलवाई की दुकान पर कुतिया पहरेदार हो और दादुरों की सभा का सेनापति सर्प हो .....
सोचो कैसे सब संभलेगा मेरे ख्याल से तो कभी नहीं,
यहाँ हो रहा राजनीति का दखल...
अब तो न्यायालय ही माँग रहा है न्याय
जनता को कैसे मिलेगा न्याय
सभी अदालतें लगती हैं राजनीति के अधीन
मानों अदालत बन बैठी हैं राजनीति की रखैल
अब सुनो सीबीआई अफसरों के हाल
राजनेता जिनके हाथों में
धर्म की बागडोर दे बैठे हैं
वही अस्थाना और वर्मा
रिश्वत का माला पहन
एक-दूसरे की खींचा तानी
कर बैठें हैं,
जिनके हाथ में धर्म के तराजू दिखते हैं
वही घटतौली को धर्म बनाए बैठे हैं,
एक दूसरे पर दोनों आरोप प्रत्यारोप लगाते हैं,दोनों के मंसूबे क्या जो समझ मेरे नहीं आते हैं,
बढ रहा है अधर्म
क्योंकि धर्म की आङ में अधर्म हो रहाहै इसलिए इसकी जङे मजबूत होती जा रहीहै
अधर्मी को रोका नहीं बल्कि बढ़ावा दिया जा रहाहै,
अधर्म क्या है ?
जहाँ जनता की दर्द भरी आवाज, कराह! को दबाया जा रहा हो और एक खुशहाल नेता की जुमलेबाकी को अखबारों की पहली खबर का नाम दिया जा रहा हो,
और हाँ गिरते हुए को उठाया नहीं बल्कि नजरअंदाज किया जाता हो,
फिसलते हुए को संभाला नहीं और एक धक्का जरूर दिया जा रहा हो,
सच्चाई को झूठ के वजन के नीचे दबाया जा रहा हो, झूठ को सत्य साबित किया जा रहा हो यही अधर्म के लक्षण हैं ये सब कहाँ हो रहाहै आप समझ रहे हैं,
दुष्कर्मों पर बस इतना ही कहूँगा..?
शिवम शायद उस दिन संविधान की हथकङियों का ताला खोला जाएगा,
जिस दिन किसी राजनेताओं या उद्योगपति की
लङकियों का जिस्म निचोङा जाएगा,
जवानों की रक्षा का पुख्ता इंतजाम का हवाला देकर आपका भारी भाषण सोभा नहीं देता नेता जी,
क्योंकि
अगर आपको इतनी ही फिक्र होती तो सीमा पर जवान शहीद नहीं होते
उनके परिवार ऐसे नहीं बिखरते
सबसे ज्यादा जवान 2014-18 के बीच शहीद हुए हैं आखिर क्या इंतजाम हुआ है,
आंकङे बताते हैं विदेशों में भी, चार साल में खाङी में 28523 भारतीय की मौत पर क्या जबाव है आपका जिसमें साऊदी में ही 12828 की मौत हुई है क्या कोई असर भी पङा है विदेशों में आपके दौरों का भारतीयों की मौतें जरूर बढ़ी हैं,
एक नजर इस पर डालें
हर नेता की रैली कङी सुरक्षा से लैस सीसीटीवी कैमरे भी निगरानी करते हैं
तो क्या जिनके कंधों पर देश की रक्षा का बोझ रखा है उनकी सुरक्षा के लिए आप सभी भारतीय सीमाओं पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगवा सकते, शायद कैमरे इसलिए नहीं लगाए जा रहे क्योंकि इससे नेताओं का हीरोइन, ड्रग्स, सोने जैसे अवैध व्यापार रूक जाएँगे न तो क्यों सीना कूटते हो कि मुझे दुःख होता है जवान की शहादत पर, घङियाली आशूँ क्यों बहाते हो
देश के जो असली हीरो हैं उन्हें हीरो का दर्जा नहीं मिल रहाहै फुल्लङ गानों व झूठी फाइट करने वाले बाॅलीवुड के लोगों को देश का हीरो करार दिया जा रहा है जो बेहद निंदनीय है
सुनो हीरो का मतलब वीर होता है
तो वीर सैनिक है या फिल्म एक्टर
मेरा सभी भारतीयों से निवेदन है अपने फोन के वाॅलपेपर पर सैनिक की फोटो लगाए न कि फिल्म एक्टर की
सैनिकों के बोल...
हम तो सो गए
भारत माँ की गोद में
बेटा रो रोकर राह ताकता
रहा मेरी फिर,
रोते हुए वो भी सो गया
अपनी विधवा माँ की गोद में,
माँ-पत्नी और बहनें तङपती हैं
चिल्लाती हैं अपने इकलौते की
शहादत में,
पिता फफकता रह जाता है
बुढापे के सहारे
अपने लाडले की
याद में,
और नेता संवेदना व्यक्त कर
भूल जाते हैं सैनिकों को अपने ऐसो
आराम के इंतजाम में,
~ शिवम यादव अन्तापुरिया
युवा कवि/लेखक
No comments:
Post a Comment