I am a Poet & Writer . मैं काव्य-संग्रह और मुक़्तक लिखता हूँ I मुझे लिखने में मज़ा आता है , धन्यबाद I
तसल्ली पाकर भी सुकूँ नहीं मिला । हौसलों ने मुझे रूकने भी नहीं दिया ।।
काँच के महल में झरोखे दिखने लगे ऐसा मुकाम ही क्या जो "अन्तापुरिया" अपने बिछङने लगे,
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