! क्या नाम दूँ !
क्या किसी को नाम दूँ
एक न एक दुःखङा उसके नाम है,
कोई हँसकर काटता है
कोई पिए मुसीबत का
जाम है,
ढलता सूरज जिस तरह
जिंदगी उसका नाम है,
दर्दोंषको हँसकर हैं
सहते
साहस इसी का नाम है,
है किसी का काम अच्छा
तो किसी का नाम है,
रहता है वो भी यहीं पर
लेकिन वो तो
अपने कारनामों से बदनाम है,
~ लेखक/कवि
शिवम यादव अन्तापुरिया
मुश्किल में कविराय
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