Thursday, December 27, 2018

कैदियों के ऊपर रहम किया जाए मुश्किल में कविराय

      "जेल है सुधार आश्रम"

कैद क्या होती है
     कैदी से पूछो
बेटे की भूख क्या होती है
           माँ से पूछो
    ऐ लाॅयर तुम्हें क्या पता
क्या बीतती है कैदी के परिवार पर
जरा खुद कैदी बनकर फिर
            अपने आप से पूछो

तुम हो क्या मुझे नहीं पता
तुम मुझसे खेल क्या रहे हो
                  ये मुझसे पूछो
हिम्मत रखो 'कैदीराय'
वो दिन भी नजदीक आएगा
         कि कैदमुक्त हो जाओगे
जेल नहीं सुधारआश्रम है ये
      आजादी की तकलीफ है ये
कैद तो अटल जी भी हो गए थे
     क्यों हुए ये राजनीति से पूछो
         ~ युवा लेखक/कवि
मुश्किल में कविराय शिवम यादव अन्तापुरिया

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