बहुत कुछ खोया बहुत पाया है
जिन्दगी ने बहुत आजमाया है
जिन्दगी कुछ पल छोड़ गई ऐसे
जिनके साथ दिल मुस्कुराया है
चलते चलते मैं जब थकने लगा
तब जाकर कुछ सुकून पाया है
अपनापन भी कुछ साथ दे मेरा
ये जमाना है जमाने को बताना है
हर लम्हाँ वो गुज़ार कर चले गए
मेरा दिल भी उज़ाडकर चले गए
वो चंद लम्हे इतने बड़े लगते हैं
हर मोड़ पर यादें देकर चले गए
~ शिवम अन्तापुरिया
कानपुर उत्तर प्रदेश
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