रोज़ प्यार में आदतें बदलती जा रही हैं
शिवम अन्तापुरिया
कई बार हम मन्ज़िल के पास से होकर गुज़र जाते हैं
जैसे किसी के साथ चलकर भी हम पिछड़ जाते हैं
शिवम अन्तापुरिया
गलियाँ,चौबारे,नाते, रिश्ते सबकुछ बन गए हैं मेरे
तुम से नहीं किसी और से तो हो गए हैं मेरे
शिवम अन्तापुरिया
लोगों की नज़रों में ज़ितने ख़राब हैं हम
लेकिन उतने ख़राब नहीं हैं हम
शिवम अन्तापुरिया
जंग से जंग को जीत हम जाएंगे
तेरी चाहत के दीपक भी जल जाएंगे
ये समाँ आसमाँ मेरा क्या कर सकें
प्यार से हम तेरे जब निखर जाएंगे
आज एक बात का होगा पर्दाफ़ास
जिसका न कर सकोगे तुम आभास
शिवम अन्तापुरिया
इन सब बातों को कहना सुनना पड़ता है
ये जीवन है संघर्षी तो बनना पड़ता है
दर्द अपने छुपा कर के हम चल दिए
आसमाँ को झुकाकरके हम चल दिए
साज-सज्जा तुम्हारी न भायी मुझे
दिल से दिल को मिलाकरके हम चल दिए
इश्क विश्क से हम कहाँ वाकिफ़ थे
इश्क पर एक भी पन्ना नहीं लिखा
क्योंकि मेरे तो हाथ नाज़ुक थे
ओ बादल क्यों बरस रहा है
मेरे समझ न आए
तेरी मंशा है क्या अब
कोई समझ न पाए
लोगों की नज़रों में ज़ितने ख़राब हैं हम
लेकिन उतने ख़राब नहीं हैं हम
गलियाँ,चौबारे,नाते, रिश्ते सबकुछ बन गए हैं मेरे
तुम से नहीं किसी और से तो हो गए हैं मेरे
कई बार हम मन्ज़िल के पास से होकर गुज़र जाते हैं
जैसे किसी के साथ चलकर भी हम पिछड़ जाते हैं
ये साँसें मुशलसल थमती जा रहीं हैं
रोज़ प्यार में आदतें बदलती जा रही हैं
शिवम अन्तापुरिया
कदम कदम पर जिंदगी
इन्तहान लेती है
कभी कभी जिंदगी ही
जान लेती है
शिवम अन्तापुरिया
उम्र सैकड़ों वर्ष तो क्या फ़ायदा जिसमें नाम कुछ न कमाए
नाम जितनी ही कम उम्र में ज्यादा कर सके उतना कमाएलिखीं जिंदगी की अनेक कहानियाँ
शामिल हैं उसमें कई
दुश्वारियाँ
हम प्यार का सौदा नहीं किया करते हैं
जरूरत पड़ने पर उसे भुला दिया करते हैं
जंग से जंग को जीत हम जाएंगे
तेरी चाहत के दीपक भी जल जाएंगे
ये समाँ आसमाँ मेरा क्या कर सकें
प्यार से हम तेरे जब निखर जाएंगे
इस कदर हम जिंदगी के आधीन हो गए
लोग मुस्कुराते रहे और हम बेख़बर हो गए
शिवम अन्तापुरिया
जो अपना अपना अपना कहा करते हैं
उन्हें नहीं पता शायद
ये सब भगवान किया करते हैं
पानी पत्थरों पर बरस कर घायल नहीं होता
शिवम मोहब्बत करता है लेकिन पागल नहीं होता
शिवम अन्तापुरिया
अब हर लिबास में अच्छे लगने लगे
कफ़न में तो सबसे अच्छे लगने लगे
अब शायद ऐसे ही हो गए हैं हम
तभी लोग कंधों पर लेकर चलने लगे
बहुत हुए आदेश मैं करता हूँ फ़रमान एक जारी
आवाम की ताक़त के आगे अब राजनीति भी हारी
शिवम अन्तापुरिया
मत भूल यहाँ क्या हाल हुआ
जख्मों से भरा अब देश हुआ
भाई जिस दिन हम आए प्रयागराज़ उसी दिन सारे बन्ध टूट जाएंगे
आपको प्यार की राह पर अकेला खड़ा कर जाएंगे
किसी की जिन्दगी चलाने से नहीं चलती
किसी की झोपड़ी जलाने से नहीं जलती
आसमान छूने का हौसला होता पंछियों के अन्दर
क्योंकि उड़ाने सिर्फ़ परों से नहीं होती
तुम्हें कोई नफ़रत के भावों से देखे
उसे प्रेम के गीत तुम अपने दे दो
बने प्रीत तेरी या मेरी बने वो
हर एक राह पर प्रेम की जीत लिख दो
ये नफ़रत की बातें हैं मुझसे न होती
चलो आज मिलकरके बातें हैं होती
उन्हें क्या था समझा वो क्या हो गए हैं
मेरे नाम से उनको आफ़त सी होती
अपने ही हर काम से ही वो खुश हैं
ये दुनियां क्या सोचे वो इससे से अलग हैं
पड़ी बात जब-जब है मुझको उठानी
मेरे साथ से वो अलग हो गए हैं
कभी दिल की ताकत को न आजमाना
खासकर टूटे दिल को नहीं आजमाना
ये वादे वादे वादे करने वाले बहुत देखे हैं हमने
मगर वादे निभाने वाले बहुत कम देखे हैं हमने
मुझे अपनी भूमि पे अभिमान है ये
तुम्हें अपनी माता का पैगाम है ये
बनें चाहे सरहद या दीवार हों वो
मगर कोई दुश्मन का मुझपे अधिकार न हो
शिवम अन्तापुरिया
दिल में जिसके प्यार है
सच्चा वही इंशान है
लोग डरते-लड़ते रहते
कैसा ये इंशान है
शिवम अन्तापुरिया
बहुत लिखी आवाज़ तुम्हारी मेरी होंगी
दुनियाँ की हर बात तुम्हारी मेरी होंगी
जब भी याद करोगे तुम अपने यारों को
उसमें सबसे पहली हिचकीं मेरी होंगी
शिवम अन्तापुरिया
प्रतिशोध नहीं शोध जारी रखता हूँ
जिंदगी में कुछ न कुछ बाकी रखता हूँ
शिवम अन्तापुरिया
धैर्य रखो प्रिय एक दिन हम तुमको मिल जाएंगे
अपनी प्यारी यादों का व्यापार
तुम्हें दे जाएंगे
शिवम अन्तापुरिया उत्तर प्रदेश
जिंदगी ज्यादा कमाल नहीं करती है
जब करती है तो फ़िर नहीं रुकती है
बहुत से गुलाब की जगह उसके खत मेरी किताबों में दफ़न हैं
जब खोलता हूँ पन्ने वो प्यार के
तो लगता है ये गुलाब का
फ़ूल उसका ही बदन है
शिवम अन्तापुरिया
जिंदगी ज्यादा कमाल नहीं करती है
जब करती है तो फ़िर नहीं रुकती है
शिवम अन्तापुरिया
बहुत से गुलाब की जगह
उसके खत मेरी किताबों में दफ़न हैं
जब खोलता हूँ पन्ने वो प्यार के
तो लगता है ये गुलाब का
फ़ूल उसका ही बदन है
शिवम अन्तापुरिया
खतरा तो जिन्दा जिंदगी में होता है
वो जिन्दा ही नहीं फ़िर खतरा किसका है
शिवम अन्तापुरिया
मेरे साथ रहना मेरे यार यारों
अकेला मुझे ऐसे छोड़ो न यारों
नहीं कोई जानम मेरी यार यारों
मैं खुद ही खुद से पटा भी हूँ यारों
शिवम अन्तापुरिया
बहुत कुछ लिखा आज फ़िर कुछ लिखेंगे
इस महफिल में किसी के दरद को पढ़ेंगे
जो हमारे होकर बिछड़ते चले गए
उन्हीं की यादों को अब मैं पढ़ूँगा
शिवम अन्तापुरिया
चलो आज उनसे नजरें मिला लें
बिना काम के आज उनको बुला लें
शिवम अन्तापुरिया
लोग शब्दों के बाणों से छलनी हुए
गलतियों से निपटकरके चलनी हुए
हम जहाँ थे वहाँ पर ही हँसते रहे
जूझ कर जिंदगी से वो चलते हुए
शिवम अन्तापुरिया
चार लाईन पढूँगा उसी में 32 इशारे करूँगा
समझ हो तेरी फ़ितरत में तो समझ लेना
वर्ना मैं तो अकेला ही रहूँगा
शिवम अन्तापुरियानवाबों का शहर तहज़ीबों की गलियाँ
आज जा रहे हैं छोड़ करके ये गलियाँ
वक्त ए़ मोहब्बत ऐसे हीे साथ देना
फिर से ज़ल्दी बुलाएँ ये गलियाँ
शिवम अन्तापुरिया
आज बातों ही बातों में उसने प्रपोज किया था
अपने हर सपनों में मुझको साथ रखा था
शिवम अन्तापुरिया
हम सफ़र में सदा साथ चलते गए
जिंदगी से सदा हाथ मिलते गए
दूर थे पास उनके यूँ आते गए
बात बे बात पर मुस्कुराते गए
हम यहाँ तुम वहाँ दूरियाँ हैं बहुत
भूल गए भी हैं कुछ याद भी है बहुत
तेरी यादों की बातें भी करनी हैं बहुत
दिल तेरा और मेरा धड़कता है बहुत
शिवम अन्तापुरिया
करो खूब गलती यूँ तुम ढेर सारी
मुझे कोई इनसे मुनाफ़ा नहीं है
शिवम अन्तापुरिया
कोई पैसा कमाने की सदा ही ज़द में रहता है
मेरे दिल में हमेशा ही हिन्दुस्तान रहता है
कहीं भी बात उठती है किसी भी देश की यारों
मेरा दिल हमेशा ही हिन्दुस्तान कहता है
मैं चाहत की गलियों में यूँ तुमसे प्यार कर जाऊँ
बिना यादों के तेरे मैं जरा भी चैन न पाऊँ
बिना तेरे जीना ये मुमकिन नहीं है
बिना साथ के तेरे चलना नहीं है
इश्क करता शिवम तुमसे अब यूँ बहुत
मगर सबसे कहना ये आसाँ नहीं है
सराहना कोई भी कर देगा मगर
मुझे अपनी आलोचना सुनना पसंद है न कि सराहना
क्योंकि आलोचना से अपनी गलतियों को सुधारने में सहयोग मिलता है
हर पल तुम्हारी मुझे याद आए
यहाँ से बिछड़ कर बहुत दूर जाए
कितने शलीके से पाला था उसने
मेरी माँ तेरी याद हर पल रुलाए
मंजिल पाने के लिए बहुत कुछ अपना खोना पड़ता है
ये राहें क्या कभी कभी इरादों को भी बदलना पड़ता है
शिवम अन्तापुरिया
जिसको सब पागल कहते थे
वो घर में नालायक था
आज बताओ फ़िर कैसे वो सबके लायक था
मुद्दतों के बाद ही कुछ मिलता है !
पहले तो सब कुछ बिखरता है !!
जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है
जब हम उससे सीखने की कोशिश करते हैं
शिवम अन्तापुरिया
लोग शक के इरादों में जीने लगे
वो तो मुझपर भी शक अब हैं करने लगे
जिंदगी ये कहाँ ले जाएगी शिवम
मेरे ख्वाबों में हर पल हैं वो रहने लगे
शिवम अन्तापुरिया
ये दुनियाँ में हजारों को सिर झुकाते देखा है
सैकड़ों हार के बाद उसे जीतते भी देखा है
शिवम अन्तापुरिया
बहुत कुछ बिगड़ कर सँभल हम गए हैं
तेरे प्यार में ऐसे बँध हम गए हैं
सुहाना सफ़र कितना है तेरे दिल का
यही अब सफ़र में उलझ हम गए हैं
शिवम अन्तापुरिया
मेरे जीवन की गलियों से
स्वार्थी प्रेम गुज़र नहीं सकता
ये प्रेम भी एक पीढ़ा है
जिसे हर कोई सह नहीं सकता
शिवम अन्तापुरिया
तुम्हें प्यार इतना जहाँ में यूँ देकर
अँधेरों से हमको हैं अँधेरे मिटाने
शिवम अन्तापुरिया
लोग परदेश से भी अपने घर आयेंगे
कुछ ऐसे भी हैं बंदे जो न घर जाएँगे
अब इन्हें भी सँभालो जरा मेरे यारों
कैसे हम अपनी संस्कृति को बचा पाएँगे
आजकल गाँव-गली की राह में हूँ
अपने बुजुर्गों की चाह में हूँ !!
~ शिवम अन्तापुरिया
घर से निकले हैं बाहर जाएँगे
होली के रंग में अब रंग जाएँगे
शिवम अन्तापुरिया
सबकी दुनियाँ समस्याओं से घिरी है
मेरी तो जिंदगी किताबों से भरी है
~ शिवम अन्तापुरिया
कानपुर उत्तर प्रदेश
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