हाँ नव वर्ष की पावन बेला पर
प्रेम है मुझसे तो आकर मिलो
जिंदगी की इस नई दौड़ में फ़िर
करो कुछ बात तो आकर मिलो
इतनी आसानी से भूलो मुझे अगर
फ़िर भी एक बार तो आकर मिलो
मैं तो जाऊँगा हर हालात से गुजर
साथ चलोगे तुम तो आकर मिलो
हार-जीत की बात नहीं है मगर
कुछ है पूछना तो आकर मिलो
प्रेम की बहुत मुश्किल है डगर
तुम्हें चलना है तो आकर मिलो
रचयिता
शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश
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