Thursday, January 23, 2020

जायजा रखता हूँ

" गज़ल "

सभी खतों का जायजा रखता हूँ 
किसने क्या लिखा याद रखता हूँ 

मेरी जिंदगी दर ए बदर हो गई
 साथ है उसका ख्याल रखता हूँ 

वो फ़ूल चुन-चुन कर लाती रही 
मैं पसंद तो सिर्फ़ गुलाब करता हूँ 

जिंदगी प्यार की ओर मुड़ गई 
मैं तो खुद से ही प्यार करता हूँ 

आज एक बात मुझे याद आ गई 
कि मैं उससे भी प्यार करता हूँ 

ये मुशलसल एक ही राह है मेरी 
 मैं इश्क से डरता ही रहता हूँ 

आज सबसे एक गुजारिश है मेरी 
मैं दिल से तेरे दिल में उतरता हूँ 

शिवम अन्तापुरिया 
 कानपुर उत्तर प्रदेश

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