🙏💐🌷Twenty Twenty Year🌷🌹💐🙏
की
समूचे विश्व को हार्दिक शुभकामनाएँ
आपका अपना अनुज
शिवम यादव "अन्तापुरिया"
20 हार्दिक शुभकामनाएँ 20
कुछ मिला कुछ नहीं मिला
और 2019 चला गया
जीवन में कुछ पाने की
आपाधापी में 2020 है आ गया
शिवम अन्तापुरिया
प्रथम किरण रवि देव की,
निकली है अब आए,
भोर नमन इस जगत में
नई साल गई आए
शिवम अन्तापुरिया
साल बदली आज है
365 दिन बाद
लोग बदलते रोज़ हैं
नित नए रूप बनात
शिवम अन्तापुरिया
वो दिल पर आती है
लरजते हुए वो मेरे गले लग जाती है
शिवम अन्तापुरिया
याद क्रिसमस🎄से उनकी न यादें रहीं
जिनकी शहादत से आज़ादी हमको मिली
गा रहे गीत क्रिसमस का हैं आज हम
भूल उनको गए जिनकी देश पर न्योछावर जानें हुईं
.©®शिवम यादव अन्तापुरिया
नफ़रतें जो खड़ी वो तो जल जाएंगी
साँस सड़कों पे जाने से थम जाएंगी
मामला नागरिकता का साहब है ये
सारी उम्रें क्या सड़को पे कट जाएंगी
©®शिवम अन्तापुरिया
दर्द अपने यूँ तुमको हम दे जाएंगे
नफ़रतों को मोहब्बत सिखा जाएंगे
चल दिए हैं हम अब जिस राह पर
उन राहों को फ़ूलों से सज़ा जाएंगे
शिवम अन्तापुरिया उत्तर प्रदेश
किसी को इश्क में सज़ा तो किसी को दुआ मिल गई
ये जिंदगी थी अधूरी उसमें भी एक बददुआ मिल गई
दुनियाँ ने कहा देखता हूँ तू कहाँ तक जायेगा
साहब जहाँ मैं खड़ा था वही मेरी हमनवा मिल गई
©® शिवम अन्तापुरिया
अब जिंदगी के मेरे उसूल यही हैं
जिंदगी के जंग में कुबूल सभी हैं
शिवम अन्तापुरिया
नज़्म जो थी लिखी वो न भूले कभी
स्वार्थ ही स्वार्थ में डूबे दिखते सभी
जिंदगी थी हुनर अपना देती रही
अपने बदले मेरी जान लेती रही
हम बदलते बदलते यूँ क्या हो गए
मेरी आदत कभी ऐसी थी ही नहीं
हम रहे जिंदगी भर तेरे साथ थे
साथ तेरे कभी की बेवफ़ाई नहीं
जिनको समझा था अपना वो हुए ही नहीं
जिंदगी से लड़े तो फ़िर मौत से हम कभी
नज़्म जो थी लिखी वो न भूले कभी
स्वार्थ ही स्वार्थ में डूबे दिखते सभी
शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश
जिंदगी के कठिन दौर कट जाएंगे
जुर्म इतने खुदा हम न सह पाएँगे
ये समय है मेरा आज कैसा खुदा
बिन तेरे एक कदम हम न चल पाएँगे
©® शिवम अन्तापुरिया
ये मोहब्बत शिवम तेरे काबिल नहीं
लोग करते हैं सज़दा होते शामिल नहीं
शिवम अन्तापुरिया
अपना मन अपना तन
जहाँ मन आए
वहीं जा रम
शिवम अन्तापुरिया
हर सफ़र के साथ जिंदगी का इम्तहान है
तू रूठ कर जा रहा है कैसा इंशान है
कोई घर जलाए बैठा है
कोई खुद को जलाए बैठा है
ये सफ़र एक कहानी है
जो हज़ारों किरदार लिए बैठा है
शिवम अन्तापुरिया
कोई नफ़रत से रहता है
कोई यादों में रहता है
अजब सी ये कहानी है
कोई भी सूरत पे मरता है
कोई यादों में जलकरके
कभी दीपक सा जलता है
ये दुनियाँ प्रेम की दुश्मन
तेरे शक से ही जलता है
शिवम अन्तापुरिया
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