Tuesday, January 14, 2020

हिन्दी रज़ है मेरी

हिन्दी है रज़ भाषा मेरी 
हिन्दी ही मेरी शान है 
हिन्द देश के वीर सिपाही 
हिन्दी मेरी जान है 

शिवम अन्तापुरिया

बहुत दिन हुए लोगों से मिले नहीं 
आज देख लूँ किसी को शिकवे तो नहीं 

शिवम अन्तापुरिया

बात खुशी की नहीं अगर आप की नहीं तो हमारी नहीं 
ये खुशियाँ तो हैं बाँटने के लिए 
आपको न मिलीं तो मुझे नहीं 

शिवम अन्तापुरिया

वक्त नहीं है वक्त जाया नहीं करेंगे 
जिंदगी रही अगर तो एक दिन फ़िर से मिलेंगे

उम्र सैकड़ों वर्ष तो क्या फ़ायदा जिसमें नाम कुछ न कमाए 
नाम जितनी ही कम उम्र में ज्यादा कर सके उतना कमाए

लिखीं जिंदगी की अनेक कहानियाँ 
शामिल हैं उसमें कई
 दुश्वारियाँ
 शिवम अन्तापुरिया

कदम कदम पर जिंदगी 
इन्तहान लेती है 
कभी कभी जिंदगी ही 
जान लेती है 


चलो एक इल्ज़ाम और अपने सिर पर लेता हूँ 
सभी शहरों की मोहब्बत अपने नाम लेता हूँ

शिवम अन्तापुरिया 

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