हिन्दी ही मेरी शान है
हिन्द देश के वीर सिपाही
हिन्दी मेरी जान है
शिवम अन्तापुरिया
बहुत दिन हुए लोगों से मिले नहीं
आज देख लूँ किसी को शिकवे तो नहीं
शिवम अन्तापुरिया
बात खुशी की नहीं अगर आप की नहीं तो हमारी नहीं
ये खुशियाँ तो हैं बाँटने के लिए
आपको न मिलीं तो मुझे नहीं
शिवम अन्तापुरिया
वक्त नहीं है वक्त जाया नहीं करेंगे
जिंदगी रही अगर तो एक दिन फ़िर से मिलेंगे
उम्र सैकड़ों वर्ष तो क्या फ़ायदा जिसमें नाम कुछ न कमाए
नाम जितनी ही कम उम्र में ज्यादा कर सके उतना कमाए
लिखीं जिंदगी की अनेक कहानियाँ
शामिल हैं उसमें कई
दुश्वारियाँ
शिवम अन्तापुरिया
कदम कदम पर जिंदगी
इन्तहान लेती है
कभी कभी जिंदगी ही
जान लेती है
चलो एक इल्ज़ाम और अपने सिर पर लेता हूँ
सभी शहरों की मोहब्बत अपने नाम लेता हूँ
शिवम अन्तापुरिया
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