Monday, August 17, 2020

कुछ ही तो हैं

बस ये कुछ ही तो हैं 
जो तेरी यादों के गम हैं 
ये तो अपने ख्वाब हैं 
जिंदगी के अहसास हैं 
कभी वो कभी हम हैं
हर कदम पर कदम हैं 
सबकी यादों में ही हम हैं 
हम तो चलते ही चलते हैं 
फ़िर किधर जाने के भरम हैं

शिवम अन्तापुरिया 

ये मीठे-मीठे ख्वाब हैं 
जिंदगी में कई सवाल हैं 
चलते-चलते जाना है 
यही जिंदगी का नाम है 
तेरे बिन भी उठते सवाल हैं 
बस अब यही मलाल है 
हाँ अब यही ख्याल हैं 
तेरे दिल का क्या जबाव है 
अब तुझसे ये सवाल है 
अब तुझसे ये सवाल है 

तुझे छोड़ हम सकते नहीं
तुम्हें भूल हम सकते नहीं
अपनी समस्याओं से तुम्हें
अब हम लड़ने देंगे नहीं

तुम शान अब मेरी बनो
तुम आन अब मेरी बनो 
हाँ मान मर्यादा का तुम 
ये आव्हान भी मेरे बनो

      रचयिता 
शिवम अन्तापुरिया

बिना एक सफ़र के मिला कुछ नहीं है 
किया नाम जिसने बिका बस वही है

वो चाहें भी जो हो दिखा तक नहीं है

दुनियां में तुमने जब किया कुछ नहीं है
ख्वाबों से सब कुछ मिला भी नहीं है

वो चाहें भी जो हो दिखा तक नहीं है


    शिवम अंतापुरिया

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