ये मीठे-मीठे ख्वाब हैं
जिंदगी में कई सवाल हैं
चलते-चलते जाना है
यही जिंदगी का नाम है
तेरे बिन भी उठते सवाल हैं
बस अब यही मलाल है
हाँ अब यही ख्याल हैं
तेरे दिल का क्या जबाव है
अब तुझसे ये सवाल है
अब तुझसे ये सवाल है
तुझे छोड़ हम सकते नहीं
तुम्हें भूल हम सकते नहीं
अपनी समस्याओं से तुम्हें
अब हम लड़ने देंगे नहीं
तुम शान अब मेरी बनो
तुम आन अब मेरी बनो
हाँ मान मर्यादा का तुम
ये आव्हान भी मेरे बनो
रचयिता
शिवम अन्तापुरिया
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