वो बात समझ न पाते मेरे दिल की
शिवम अंतापुरिया
जिस दिन आप अपने लक्ष्य forget नहीं target बना लोगे
उस दिन दुनियाँ के हर पहलू को तुम जी लोगे
शिवम अन्तापुरिया
बिना एक सफ़र के मिला कुछ नहीं है
किया नाम जिसने बिका बस वही है
वो चाहें भी जो हो दिखा तक नहीं है
दुनियां में तुमने जब किया कुछ नहीं है
ख्वाबों से सब कुछ मिला भी नहीं है
वो चाहें भी जो हो दिखा तक नहीं है
शिवम अंतापुरिया
लौट कर राम फ़िर से अपने घर आए हैं
साथ में माता जानकी को भी लाए हैं
शिवम अन्तापुरिया
मैं जिस दौर से गुज़र रहा हूँ, मुझे गुज़रने दो
कोई मेरे साथ न आओ, मुझे अकेला ही रहने दो
बताकर सारी दुनियाँ को सिया के राम आए हैं
माता जानकी,लक्ष्मण के संग हनुमान आए हैं
शिवम अन्तापुरिया
बीमारी है किसे नहीं
बस कुछ लोग बचे हैं
कुछ लोग बचे नहीं
शिवम अन्तापुरिया
जन्म लेते हैं कारागार में भगवान जब आकर
धरती के पापों को धोया स्वंम चक्र उठाकर
अब नहीं दामा नहीं मोहन नहीं बलराम यहाँ हैं
चले पद्चिन्ह पर उनके पढे़ गीता को उठाकर
@oshayarshivam
शिवम अन्तापुरिया
बहुत कम समय में मेरा जनाज़ा
तैयार हो गया था
मगर उठाने वालों के दिल तैयार न हो पाए
शिवम अन्तापुरिया
ये वही वीर हैं जिनका लहू देश के काम आया
बाकी तो गद्दारों का गद्दारी में नाम आया
शिवम अन्तापुरियासमय और रुपये में फ़र्क
दुनियाँ के 1करोड़ लोग एक व्यक्ति को दो-दो मिनट समय दें तो दो ही मिनट होंगे
दुनियाँ के 1करोड़ लोग एक व्यक्ति को दो-दो ₹ दें तो दो करोड़ ₹ हो होंगे
शिवम अन्तापुरिया
बहुत मरे थे,बहुत कटे थे नदियों में लहू बहाया था
तब जा करके भारत में ये तिरंगा लहराया था
शिवम अन्तापुरिया
No comments:
Post a Comment