Monday, August 17, 2020

कब तक पार करेंगें

कब तक पार करेंगें हद सरहद की  

वो बात समझ न पाते मेरे दिल की

शिवम अंतापुरिया

जिस दिन आप अपने लक्ष्य forget नहीं target बना लोगे 

उस दिन दुनियाँ के हर पहलू को तुम जी लोगे 

शिवम अन्तापुरिया 


बिना एक सफ़र के मिला कुछ नहीं है 
किया नाम जिसने बिका बस वही है

वो चाहें भी जो हो दिखा तक नहीं है

दुनियां में तुमने जब किया कुछ नहीं है
ख्वाबों से सब कुछ मिला भी नहीं है

वो चाहें भी जो हो दिखा तक नहीं है


    शिवम अंतापुरिया

लौट कर राम फ़िर से अपने घर आए हैं 
साथ में माता जानकी को भी लाए हैं 

शिवम अन्तापुरिया

मैं जिस दौर से गुज़र रहा हूँ, मुझे गुज़रने दो 
कोई मेरे साथ न आओ, मुझे अकेला ही रहने दो

बताकर सारी दुनियाँ को सिया के राम आए हैं 
माता जानकी,लक्ष्मण के संग हनुमान आए हैं 


शिवम अन्तापुरिया

बीमारी है किसे नहीं 
बस कुछ लोग बचे हैं 
कुछ लोग बचे नहीं 

शिवम अन्तापुरिया

जन्म लेते हैं कारागार में भगवान जब आकर 
धरती के पापों को धोया स्वंम चक्र उठाकर 
अब नहीं दामा नहीं मोहन नहीं बलराम यहाँ हैं 
चले पद्चिन्ह पर उनके पढे़ गीता को उठाकर 

@oshayarshivam 

शिवम अन्तापुरिया

बहुत कम समय में मेरा जनाज़ा 
तैयार हो गया था 
मगर उठाने वालों के दिल तैयार न हो पाए 

शिवम अन्तापुरिया

ये वही वीर हैं जिनका लहू देश के काम आया 
बाकी तो गद्दारों का गद्दारी में नाम आया
 
शिवम अन्तापुरियासमय और रुपये में फ़र्क 

दुनियाँ के 1करोड़ लोग एक व्यक्ति को दो-दो मिनट समय दें तो दो ही मिनट होंगे 

दुनियाँ के 1करोड़ लोग एक व्यक्ति को दो-दो ₹ दें तो दो करोड़ ₹ हो होंगे 

शिवम अन्तापुरिया

बहुत मरे थे,बहुत कटे थे नदियों में लहू बहाया था 
तब जा करके भारत में ये तिरंगा लहराया था 


शिवम अन्तापुरिया

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