Saturday, August 1, 2020

"मैं हूँँ"

    प्रेम के बाद कोरोना ही ऐसी 
महामारी बीमारी है जो कि लाइलाज है...

 " मैं हूँ "

हताश हूँ, मैं 
निराश हूँ, मैं 
लाचार हूँ, मैं 
उदास हूँ, मैं 
मगर अब, मैं 
थोड़ा खुद से 
आज़ाद हूँ, मैं 

सभी के दिल 
से बहार हूँ, मैं 
लेकिन सावन 
की बहार हूँ, मैं 
भले वर्षा की हो 
बूँद आँशू की हूँ, मैं 


फ़सल की लहर 
भी हूँ, मैं 
किसी के लिए 
जहर भी हूँ, मैं 
खुद आवाद 
होकर भी 
पीड़ा की आवाज़ 
भी हूँ, मैं 

       रचयिता 
शिवम अन्तापुरिया 
   उत्तर प्रदेश

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