कभी ऐसा भी होता है कि मनुष्य को खुद से ही झूठ बोलना और खुद को ही नज़रअन्दाज़ करना पड़ता है
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मैं जिस दौर से गुज़र रहा हूँ, मुझे गुज़रने दो
कोई मेरे साथ न आओ, मुझे अकेला ही रहने दो
जिस दिन आप अपने लक्ष्य को
forget नहीं target बना लोगे
उस दिन दुनियाँ के हर
पहलू को तुम जी लोगे
शिवम अन्तापुरिया
कर राम फ़िर से अपने घर आए हैं
साथ में माता जानकी को भी लाए हैं
शिवम अन्तापुरिया
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