तुम्हें प्यार इतना जहाँ में यूँ देकर
अँधेरों से हमको हैं अँधेरे मिटाने
यही प्यार का एक
सफ़र कर रहे हैं
तुम्हारे सिवा और क्या है हमारा
नज़र से नज़र मिल रहीं हैं हमारी
अब यार तुम न बहाने बनाना
नज़र प्यार से एक हमारी
मिली जब
मेरे दिल का कुछ भी रहा न ठिकाना
मोहब्बत की नई राहों पे चल
रहा हूँ
मेरे साथ को तुम नहीं ठुकराना
शिवम अन्तापुरिया
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