Monday, March 30, 2020

"ज्योति है बेटी"

"ज्योति है बेटी"


1- धार एक आधार हजारों 
   जीवन का आधार है बेटी 
   जीवन के हर चल चित्रों में 
   पावन एक चरित्र है बेटी 

2- बहती गंगा धार है बेटी 
    संगम का भी द्वार है बेटी 
   पद्चिन्हों पर चलें जो उनके 
    पावन सी वो राह है बेटी 

 3- जीवन के हर सुख-दुःख में 
   भी ठण्डी ठण्डी छाँव है बेटी 
   राह में चलते भटक जो जाएँ 
     उनको तो सत्मार्ग है बेटी 

4- बहती निश्छल धार धरा पर 
     इसका भी प्रमाण है बेटी 
     प्रेम भाव में बहती नैया
     प्रेम में अमृत की बूँद है बेटी 

5- सत्यकर्म और दान-धर्म से 
     जीवन में आती है बेटी 
   कर्म द्वार से फ़ल की इच्छा 
     तेरे स्वर्ग का द्वार है बेटी 

6- कहीं है माता कहीं है बहना 
    कहीं तो पत्नी रूप है बेटी 
    कहीं उजाला कहीं अँधेरा 
 कहीं तो जीवन ज्योति है बेटी 

7- हर दिल की अवाज़ है बेटी 
    सुन्दर,स्वच्छ प्रकाश है बेटी 
     भरतखंड और चहुँ देशों में 
    सबका तो अभिमान है बेटी 

        ~ रचयिता 
•शिवम अन्तापुरिया उत्तर प्रदेश•

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