Thursday, March 19, 2020

कोरोना

मुद्दतों के बाद ही कुछ मिलता है !
पहले तो सब कुछ बिखरता है !!

सराहना कोई भी कर देगा मगर 
मुझे अपनी आलोचना सुनना पसंद है न कि सराहना 
क्योंकि आलोचना से अपनी गलतियों को सुधारने में सहयोग मिलता है 

शिवम अन्तापुरिया

मोहब्बत इशारों से ही शुरू होती है 
फ़िर हक़ीक़त में बदल जाती है 

शिवम अन्तापुरिया

किसी के इश्क की बारात बनकर वो गया नहीं 
जिंदगी कुछ भी करे मगर वो डरा नहीं 
शिवम अन्तापुरिया

गाँव की हर बात अलग होती है 
पल पल खुशियाँ साथ होती हैं 

शिवम अन्तापुरिया

वो तो हमसे शर्मा गए 
मामले जो भी थे सब गर्मा गए 

    शिवम अन्तापुरिया

बे वक्त जब हम किसी राह से निकलते हैं तो अक्सर लोग मुझे टोक देते हैं 
अरे शिवम कहाँ जा रहा है तू चलते चलते लोग मुझे रोक लेते हैं 

शिवम अन्तापुरिया

लोग रोज खूब छलाया करते हैं 

लोग अपनो को ही पराया करते हैं 

शिवम अन्तापुरिया

पहले दुनियाँ को देखकर फ़िल्में बनती थी 
अब फ़िल्मों में जो हुआ वो दुनियाँ में हो रहा हैचिन्ता मुक्त रहें, सदा व्यस्त रहें 

       शिवम अन्तापुरिया
जरा जरा सी बात पर रोना नहीं है! 
हर कोई की खाँसी में कोरोना नहीं है!! 

शिवम अन्तापुरिया

No comments:

Post a Comment