कभी-कभी ऐसे अवसर आते हैं !
कि
लिखने को शब्द नहीं मिल पाते हैं !!
शिवम अन्तापुरिया
गर माँ की ममताओं का भण्डार खतम हो जाएगा
सच कहता हूँ इस दुनियाँ में भूचाल सा आ जाएगा
शिवम अन्तापुरिया
ये सियासत तेरे बिन न कर पाऊँगा
तू शराब है ये नशा मैं न कर पाऊँगा
शिवम अन्तापुरिया
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