बहुत कुछ हुआ अब तक जिंदगी के साथ
क्योंकि वो नहीं रह सके थे मेरे आस-पास
अपने आप पर वो गुरूर करते चले गए
हम कोई मज़बूर न थे छोड़ दी उनकी आस
अब वो सोचने लगे कि हम खुदा हो गए हैं
अब तेरी जिंदगी के भी हम खुदा हो गए हैं
हाँ जिंदगी का सफ़र बनने के सपने गढ़े थे
ऐसा नहीं कि हम उन्हीं के सहारे हो गए हैं
हर वक्त बदल जाएँगे जिंदगी के हर मोड़
तू जरा किसी से एक रिश्ता तो ले जोड़
मैं प्यार तो नहीं कर सका उसके प्यार से
सदा कहता रहा हूँ मुझसे ये नाता न जोड़
शिवम अन्तापुरिया
कानपुर उत्तर प्रदेश
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