अब हर लिबास में अच्छे लगने लगे
कफ़न में तो सबसे अच्छे लगने लगे
अब शायद ऐसे ही हो गए हैं हम
तभी लोग कंधों पर लेकर चलने लगे
शिवम अन्तापुरिया
गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
जो खड़े हिमालय की हिम पर उनका तुम आभास करो
एक नहीं सौ बार सदा उनकी कुर्बानी याद करो
Poet/Writer
शिवम अन्तापुरिया
आवाम की ताक़त के आगे अब राजनीति भी हारी
शिवम अन्तापुरिया
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