हम सबकी उन्नति का सहारा हो तुम....
छतरपुर की आँखो के तारा हो तुम....
गिरते हुओ के सहारा हो तुम...
तारीफ़े शब्दों में गढ़ पाउन्गा नहीं
क्योंकि...
दुनिया का हर एक इसारा हो तुम
मैं तो दीपक की तरह हूँ आप सूरज की तरह हैं
प्रेम ऐसी चीज ही है जो कभी बंधन में रह ही नहीं सकती है फ़िर चाहे वो 60+ का शक्स क्यों न हो
शायर
तेरे प्यार का सूखा टूटा कहाँ,
वर्षों से बारिश ने मुझको देखा कहाँ,
हम तो बेउम्मीद जीते रहे,
जिंदगी ने मुझको परखा कहाँ,
मैं तुझसे दूर इतना हूँ, तू मुझसे दूर इतनी है
मगर दुनियाँ है ये कहती
मैं तेरा दीवाना हूँ, तू मेरी दीवानी है
©•निगाहों में तेरी मेरी ..मोहब्बत की साँझ होती है..
अकेली एक तड़प मेरी.... तेरे पास रहती है
अपने प्रेम के शब्दों,,,से मैं उस पर वार करता हूँ
मैं पागल दीवाना हूँ,जो उसको प्यार करता हूँ
तेरे नाम से हारा,.. हुआ एक पैगाम हूँ मैं अब ,
तेरे इश्क में डूबा,,, हुआ एक जाम हूँ मैं अब,
बिछड करके मोहब्बत के...सफ़र में चल रहे हैं हम
वो दीवानो की दौलत है... जिसे अपना समझ रहे हैं हम
यहाँ गुनगुनाती, ये हवाए कह रही मुझसे
तेरा तो प्यार बाकी है,
अभी दीदार बाकी है
तेरे खातिर मेरे दिल में, अभी सद्भाव जिन्दा है...
बिछडकरके तेरे दिल से, मेरा दिल अब भी जिन्दा है..
कोई मरकर भी जिन्दा है, कोई जिन्दा भी मुर्दा है...
कोई साँसॊ से जिन्दा है, कोई बातों से जिन्दा है...
कोई रोकर भी हंसता है, कोई हंसकर भी रोता है...
तेरे खातिर....
तेरे दिल की बातें, मेरे लब्जो में ताज़ा है...
तुझे अपना बनाने का,, मेरा एक दाव जिन्दा हैं. ..
तेरे खातिर...
भरत भूमि यहाँ पर है, यहाँ उपकार अपना है..
मेरे ऊपर शहीदो का, अभी अहसान जिन्दा है...
यहाँ पर हर शहीदो के, अभी कुछ राज़ जिन्दा हैं...
अमीरो के ठाठ जिन्दा है, गरीबो के आँशू जिंदा है,,
किसी हैवान के सिर पर, अभी भी ताज़ जिन्दा हैं....
जिसे मिट्टी चटाने को, जिगर का ताव जिन्दा है...
तेरे खातिर....
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