Wednesday, May 27, 2020

फ़िल्मी गीत

"गीत"

 कद्र करूँ या सब्र करूँ
तेरे बिन अब क्या जीने में 

तेरा दिल था वफ़ा न हुआ बेवफ़ा 
अब रहा न मज़ा वो पीने में 
भूल नहीं सकता तुमको दिल 
पता है चला अब सीने में 

  कद्र करूँ या सब्र करूँ
तेरे बिन अबक्या जीने में 

दुनियाँ की अदा दुनियाँ की वफ़ा 
सब रखी है तेरे सीने में 
अब भूल जरा मुझको तू जा 
कुछ भी न है मेरे सीने में 

  कद्र करूँ या सब्र करूँ
तेरे बिन अब क्या जीने में 

इल्ज़ाम तेरा मैं खुद लेता 
गर होती साँस ये सीने में 
तुमसा कोई दूजा मिलेगा नहीं 
अहसास मुझे है जीवन में 

  कद्र करूँ या सब्र करूँ
तेरे बिन अब क्या जीने में 

गर हो यूँ सके तो माफ़ करो 
अब मुझको अपने गलीचे से 
कुछ भी हो जाए लेकिन अब 
हम बसेंगें नहीं कोई सीने में 

  कद्र करूँ या सब्र करूँ
तेरे बिन अब क्या जीने में 


 शिवम अन्तापुरिया 
 कानपुर उत्तर प्रदेश

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