जब से आया कोरोना
ये सबका रोना रोना है ...
मातृभूमि की माटी में
हँसते-हँसते सोना है
देशप्रेम और देश सुरक्षा
में खुद को खो देना है
देश हमारा सर्वोपरि है
हम भारत के बेटा हैं
जब से आया कोरोना
ये सबका रोना रोना है ...
जमीं हमारी अम्बर मेरा
सबका एक ही कहना है
घर में सदा रहेंगे सुरक्षित
एकजुट हमको होना है
हर थककर ये भाग जाएगा
बस कुछ दिन का कोरोना है
जब से आया कोरोना
ये सबका रोना रोना है ...
धरती के भगवान जो हैं
उनको नमन भी करना है
जो हैं लीन काट में इसके
उनका मान भी रखना है
भारत के चिकित्सकों का
साथ हम सबको भी देना है
जब से आया कोरोना
ये सबका रोना रोना है ...
कवि/लेखक
शिवम अन्तापुरिया कानपुर
उत्तर प्रदेश
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